लेखा के स्वर्णिम नियम (Golden rules of Account)

लेखा के स्वर्णिम नियम (Golden rules of Account)
अगर हम अपने व्यापार के Account  को Manage करना चाहते है तो हमें लेखा के स्वर्णिम नियम (Golden rule of Account) पता  होना चाहिए ताकि हम अपना Accounting कार्य अच्छे कर सकें। 


जैसे – व्यापार में क्या आया – क्या गया, व्यापार से किसी ने लिया या किसी ने दिया, व्यापार के खर्च या हानि व् व्यापार में लाभ या आय 


तो चलो इसे विस्तार से जाने –


लेखा के स्वर्णिम नियम के अंतर्गत कुल तीन नियम होते है जो निम्न प्रकार है –

1. व्यक्तिगत खाता (Personal Account )
2. वास्तविक खाता (Real Account)
3. अवास्तविक खाता/ नाममात्र खाता (Nominal Account)
Rule (1)
व्यक्तिगत खाता (Personal Account )

पाने वाले खाते को         विकलन 

         देने वाले खाते  को              समाकलन



उदहारण – राम ने श्याम से 5000/- नगद लिया 

राम खाता         विक.          5000
        श्याम खाता से                        5000



Rule (2)
वास्तविक खाता (Real Account)

जो संपत्ति व्यापार में आती है         विकलन              
             जो संपत्ति व्यापार में  जाती है               समाकलन 


उदहारण 1. – 10000/- में Furniture ख़रीदा।  

फर्नीचर  खाता         विक.        10000
        रोकड़  खाता से                            10000




उदहारण 2. – श्याम से 10000/-  का Furniture ख़रीदा।  






फर्नीचर  खाता         विक.       10000

        श्याम खाते से                              10000


नोट – अगर प्रश्न में नाम दिया गया है और नगद व उधार का उल्लेख नहीं किया गया है तो उसे हम उधार का लेन – देन कहते है। 


उदहारण 3. – श्याम से 10000/-  का Furniture ख़रीदा जिसमे 5000/- नगद भुगतान किये ।  
फर्नीचर  खाता         विक.         10000
        रोकड़  खाता से                               5000                   

         श्याम खाते से                               5000

नोट – यहाँ पर प्रश्न में फर्नीचर खरीदते समय 5000/- नगद दिया गया इसलिए 5000/- उधार की एंट्री दिखाना होगा। 


Rule (3)

अवास्तविक खाता/ नाममात्र खाता (Nominal Account)


खर्च व हानि  खाता        विकलन              
             आय व लाभ खाता                    समाकलन 
उदहारण 1 . – कार्यालय खर्च 450/- हुआ 

कार्यालय व्यय खाता          विक.       450
        रोकड़  खाता से                                 450
उदहारण 2. बिजली का बिल भुगतान किया 650/-

बिजली  व्यय खाता          विक.        650
        रोकड़  खाता से                                 650
उदहारण 3. कमीशन के 330/- प्राप्त हुए 

रोकड़  खाता          विक.         330
        कमीशन खाता से                        330


विकलन पक्ष                  समाकलन पक्ष 

विकलन ( विक )             समाकलन (समा)

नामे                             जमा 

को (By)                         से (To)

Debit (Dr.)                   Credit (Cr.)


नोट – ऊपर दिए  गए जानकारी में अगर किसी भी विकल्प को चुना गया है तो वह विकलन पक्ष या समाकलन पक्ष दोनों में से कोई एक हो सकता है I 


अगर आपने लेखा के स्वर्णिम नियम को अच्छे से जान लिया है तो अब आप Tally Software में कार्य कर सकते है तो आगे  अब हम टैली से संबधित जानकारी जानेंगे। 

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